Wednesday, October 18, 2023

रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी ਜਾਣੋ ਹਾੜ੍ਹੀ ਦੀਆਂ ਫਸਲਾਂ ਦੇ ਨਵੇਂ ਭਾਅ

 आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी Rabi Crops फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है।

सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की हैताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है।

विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

(रुपये प्रति क्विंटल)

क्र.सं

फसलें

एमएसपी आरएमएस

 2023-24

एमएसपी आरएमएस 2024-25

एमएसपी में वृद्धि (संपूर्ण)

1

गेहूं

2125

2275

150

2

जौ

1735

1850

115

3

चना

5335

5440

105

4

दाल

(मसूर)

6000

6425

425

5

रेपसीड एवं सरसों

5450

5650

200

6

कुसुम

5650

5800

150

*लागत उन खर्चों को संदर्भित करता है जिसमें सभी भुगतान की गई लागतें शामिल होती हैं जैसे कि किराए के मानव श्रमबैल श्रम / मशीन श्रमभूमि में पट्टे के लिए भुगतान किया गया किरायाबीजउर्वरकखादसिंचाई शुल्क जैसे सामग्री इनपुट के उपयोग पर किए गए खर्चउपकरणों एवं कृषि संबंधी भवनों पर मूल्यह्रासकार्यशील पूंजी पर ब्याजपंप सेट आदि के संचालन के लिए डीजल/बिजलीविविध खर्च और पारिवारिक श्रम का आरोपित मूल्य।

विपणन सीजन 2024-25 के लिए अनिवार्य रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित करने की बात कही गई थी। अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं के लिए 102 प्रतिशत; रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत; दाल के लिए 89 प्रतिशत; चने के लिए 60 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है। रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।


सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन, दलहन और श्रीअन्न/मोटे अनाजों की ऊपज बढ़ाने के क्रम में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है। मूल्य नीति के अलावा, सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करने व तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन (एनएमओओपी) जैसी विभिन्न पहलें की हैं।        

इसके अतिरिक्त, देश भर में प्रत्येक किसान तक किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना का लाभ पहुंचाने के लिए, सरकार ने किसान ऋण पोर्टल (केआरपी), केसीसी घर-घर अभियान और मौसम सूचना नेटवर्क डेटा प्रणाली (विंड्स) का शुभारंभ किया है। विंड्स का उद्देश्य किसानों को अपनी फसल के संबंध में निर्णय लेने में सशक्त बनाने के लिए मौसम की समय पर और सटीक जानकारी प्रदान करना है। इन पहलों का लक्ष्य कृषि में क्रांति लाना, वित्तीय समावेश का विस्तार करना, डेटा उपयोग को अधिकतम करना और देश भर में किसानों के जीवन को बेहतर बनाना है।

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