सरकार की बहुत साडी योजनायें होती है लेकिन हम जानकारी के आभाव में इनका लाभ नहीं ले पाते. आज हम आपको किसानो के लिए खाद्य प्रसंस्करण के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं के बारे में जानकारी ले के आ रहे है,
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग Food Processing Industry के लिए उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना (PLISFPI पीएलआईएसएफपीआई) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 मार्च, 2021 को 10,900 करोड़ रुपये के बजट के साथ स्वीकृति दी थी। ये राशि 2021-22 से 2026-27 तक योजना के कार्यान्वयन के लिए खर्च की जाएगी। इस योजना में तीन घटक शामिल हैं:- चार प्रमुख खाद्य उत्पाद खंडों में विनिर्माण को प्रोत्साहित करना, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों MSME के अभिनव/जैविक उत्पादों organic Products को बढ़ावा देना और भारतीय ब्रांडों Indian Brands के लिए विदेशों में ब्रांडिंग और उनकी बिक्री का समर्थन करना। इसके अतिरिक्त, मोटे अनाजों पर आधारित उत्पादों के लिए पीएलआई योजना (पीएलआईएसएमबीपी) वित्त वर्ष 2022-23 में उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन योजना (पीएलआईएसएफपीआई) से बची हुई धन राशि का उपयोग करते हुए 800 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई थी। यह योजना उन खाद्य विनिर्माण संस्थाओं का समर्थन करके खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की क्षमता को बढ़ाती है जो अपनी प्रसंस्करण क्षमता का विस्तार करने के इच्छुक हैं, विशिष्ट पहचान वाले भारतीय ब्रांडों के विकास को प्रोत्साहित करते हैं, वैश्विक बाजार में भारतीय खाद्य ब्रांडों की उपस्थिति का विस्तार करते हैं, रोजगार के अवसर मुहैया करा रहे हैं और किसानों की अधिक आमदनी सुनिश्चित कर रहे हैं।
The Ministry is actively implementing three major schemes to promote the food processing sector: Pradhan Mantri Kisan SAMPADA Yojana (PMKSY), Pradhan Mantri Formalization of Micro Food Processing Enterprises (PMFME) scheme, and Production Linked Incentive (PLI) Scheme. These schemes offer comprehensive support across the entire food processing value chain, aiding the food industry in meeting international quality and safety standards for their food products. One of the objectives of the R&D scheme under PMKSY is to promote research and development in the field of food quality and safety standards in the food processing sector. Through this scheme, financial support is provided through grant-in-aid, covering 50% of equipment costs in general areas and 70% in difficult areas. Under another component scheme of PMKSY, known as "Food Safety and Quality Assurance Infrastructure," financial assistance is provided to Central/State Government and private sector organizations/universities for the establishment and enhancement of food testing laboratories across the country. This initiative plays a crucial role in ensuring compliance with FSSAI regulations, which, in turn, facilitates the maintenance of high-quality and safety standards of processed food products to meet global dema
मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रमुख योजनाओं को सक्रिय रूप से लागू कर रहा है:- इन योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्पदा योजना (पीएमकेएसवाई), प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों का औपचारिकरण (पीएमएफएमई) योजना, और उत्पादन से संबद्ध
प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना। ये योजनाएं संपूर्ण खाद्य प्रसंस्करण मूल्य श्रृंखला में व्यापक समर्थन प्रदान करती हैं, जिससे खाद्य उद्योग को अपने उत्पादों के लिए अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को पूरा करने में सहायता मिलती है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत अनुसंधान एवं विकास योजना का एक उद्देश्य खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में खाद्य गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है। इस योजना में अनुदान सहायता के जरिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। सामान्य क्षेत्रों में उपकरण लागत का 50 प्रतिशत और दुर्गम क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सहायता मुहैया करायी जाती है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) की एक अन्य घटक योजना ‘खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आश्वासन अवसंरचना’ के रूप में जानी जाती है। इसके अंतर्गत देश भर में खाद्य परीक्षण की प्रयोगशालाओं की स्थापना और वृद्धि के लिए केंद्र/राज्य सरकार और निजी क्षेत्र के संगठनों/विश्वविद्यालयों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह पहल भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पहल वैश्विक मांग के अनुरूप प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों की उच्च गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों के रख-रखाव की सुविधा प्रदान करती है।
इथेनॉल Ethanol उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार देश भर में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम लागू कर रही है। उद्यमियों को नई भट्टियां स्थापित करने या मौजूदा डिस्टिलरी के विस्तार के लिए प्रोत्साहन देने के लिए 2018 से 2022 तक विभिन्न इथेनॉल ब्याज अनुदान योजनाएं शुरू की गईं। यह योजना इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक साल की मोहलत के साथ-साथ पांच साल के लिए बैंकों/वित्तीय संस्थानों द्वारा लिए गए ब्याज पर 6 प्रतिशत या 50 प्रतिशत के ब्याज अनुदान, जो भी कम हो, प्रदान करती है। इथेनॉल उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिए 2021 में इन योजनाओं के अंतर्गत अनाज से इथेनॉल उत्पादन को भी शामिल किया गया था।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (एमओएफपीआई) प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) लागू कर रहा है, जो सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों (एसएमई) के समक्ष बुनियादी ढांचे संबंधी चुनौतियों का समाधान करती है और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अपनाने को बढ़ावा देती है। प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (पीएमकेएसवाई) कोल्ड चेन और अन्य प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना में मदद करती है। इसके अंतर्गत 1,281 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
पीएमकेएसवाई खाद्य प्रसंस्करण एसएमई को महत्वपूर्ण सहायता और प्रोत्साहन प्रदान करती है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास को प्रोत्साहन मिलता है। वित्तीय सहायता और अन्य लाभों के माध्यम से, पीएमकेएसवाई आधुनिक बुनियादी ढांचे/प्रौद्योगिकी की स्थापना और एसएमई के लिए क्षमता विस्तार की सुविधा प्रदान करता है। इससे प्रसंस्करण स्तर में वृद्धि हुई है, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और इन एसएमई के लिए बाजार पहुंच में वृद्धि हुई है। इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को काफी बढ़ावा दिया है, जिससे 13.09 लाख लोगों के लिए नौकरियां पैदा करने में मदद मिली है।
मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए तीन प्रमुख योजनाएं- पीएमकेएसवाई, पीएमएफएमई योजना और पीएलआई योजना लागू कर रहा है, जिससे खाद्य हानि को कम किया जा सके और स्थिरता को बढ़ावा दिया जा सके। पीएमकेएसवाई के तहत अनुसंधान एवं विकास योजना का उद्देश्य स्थिरता को बढ़ावा देते हुए तकनीक आधारित खाद्य प्रसंस्करण नवाचार, गुणवत्ता, सुरक्षा और व्यापार सहित उत्पादन को बढ़ाना है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई योजना उन एमएसएमई को प्रोत्साहित करती है जो खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देते हुए नवीन उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसके अतिरिक्त, मिलेट-आधारित उत्पादों के लिए पीएलआई योजना मिलेट को बढ़ावा देती है, जो विशेष अनाज हैं जिन्हें उगाने के लिए कम संसाधनों की आवश्यकता होती है, उत्कृष्ट पोषक तत्व प्रदान करते हैं, और मौसम में बदलाव का सामना कर सकते हैं, जो स्थिरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करता है।
विश्व स्तर पर "ब्रांड इंडिया" को बढ़ावा देने के लिए, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए पीएलआई योजना विदेशों में ब्रांडिंग और मार्केटिंग वाली कंपनियों का समर्थन करती है, जिससे मजबूत भारतीय ब्रांडों के उद्भव को बढ़ावा मिलता है। कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय ब्रांडिंग पर खर्च के लिए 50% वित्तीय प्रोत्साहन मिलता है, जो खाद्य उत्पाद की बिक्री का 3% या प्रति वर्ष ₹50 करोड़, जो भी कम हो, तक सीमित है। वर्तमान में, इस पीएलआई घटक के अंतर्गत 77 आवेदन शामिल हैं।
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